मै तो तनहा ही रहा ...


तुझे इस दिल में बसाने की हवस जागी तो
मेरे सोये हुए ख्वाबों के दिये जल ही गये
याद हर राह ओ- हर मोड पे जब जागी तो
जज्बे उल्फत के नरम जहन में अब पल ही गये

तेरे ख्यालों के सितारों को चमक आयी तो
मेरे हर वक्त का अब चैन सब्र ढल ही गया
आँखों आँखों में जहां नर्म से जज्बे जागे  
सब्र की डोर से बांधा हुआ दिल हिल ही गया

तेरी आँखों से बुलाहट की सदा आई तो
दिल को एहसास हुआ प्यार तेरा झुक ही गया
छुपी राहों से दर दिल पे चले आने पर
मै तो तनहा ही रहा प्यार मेरा बिक ही गया
-अरुण  

Comments

yashoda Agrawal said…
मै तनहा रहा... एक शानदार कृति
आपकी ये रचना नईपुरानी हलचल में लिंक की जा रही है
सादर
यशोदा
acchi ghazal..manbhawan..sadar adhayee aaur amantran ke sath
Mamta Bajpai said…
pyaar mera bik hi gaya ...
maarkik hai
Unknown said…
शानदार ****तेरे ख्यालों के सितारों को चमक आयी तो
मेरे हर वक्त का अब चैन सब्र ढल ही गया
आँखों आँखों में जहां नर्म से जज्बे जागे
सब्र की डोर से बांधा हुआ दिल हिल ही गया
Onkar said…
खूबसूरत भाव

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