चल रहा है मगर ठहरे हुए



पांव चलते है
जमीन नही चलती
मन चलता है
देह नही चलती,
पांव का चलना
जमीं का स्थिरना
देह की खूंटी पर
मन का फहरना,
जो एक साथ देख रहा है
वह चल रहा है
मगर ठहरे हुए
-अरुण  

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