तथाकथित नास्तिक और आस्तिक में कोई भेद नही



तथाकथित नास्तिक की सोच है कि
ईश्वर को देखे बिना उसको मानना भूल है तो
तथाकथित आस्तिक
का कहना है कि पहले मान तो लो कि वह है
और फिर जानो वह कैसा है,
एक अर्थ में दोनों ही ईश्वर के दर्शन से
वंचित हैं
-अरुण    


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