मेरी अन्तस्थ की आवाज



मेरी अन्तस्थ की आवाज ने 
मुझसे कहा –
मैंने दिए घोड़े पर बैठे
तुम दौड़ रहे हो
मेरी दी हुई लगाम से ही उसे
काबू में कर रहे हो
अच्छा यही होगा कि तुम
आकर बैठ जाओ मेरे समीप और
देखते रहो अपने दौड़ते घोड़े को और 
उसपर कसती लगाम को भी
-अरुण 

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