अपने ही शोरोगुल में .....



अपने ही शोरोगुल में खोई है हर लहर
उसको नही पता, वो समंदर की श्वाँस है
अपना नही है फिर भी अपनाए जा रहा
बन्दा है बेखबर के क्या उसका खास है
-अरुण    

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