संजय दत्त को सजा सहने के लिए साहस प्रदान करना ही बेहतर होगा



समाज की सुरक्षा को ध्यान में रखकर
हम ही ने कायदे और सजाओं की व्यवस्था की है,
हम ही ने न्याय व्यवस्थाएं रची हैं और न जाने अब क्यों
हम उससे पीछे हटकर किसी व्यक्ति विशेष को,
उसको दी गई सजा के कष्ट से, बचाना चाहते हैं?
माफी का कैसे जुगाड़ किया जाए,
इस बात को लेकर परेशान हैं.
बेहतर यही होगा की
ऐसी चर्चा/चिंताओं में न उलझते हुए,
हम अपने प्रिय दण्डित को
शांति पूर्वक सजा सहने का
साहस दिलाने का काम करें
-अरुण  

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द