विज्ञान और अध्यात्म का रिश्ता
दुनिया की हर चीज को माथे में धर लेत
माथे का सत् जानते सत् पे माथा टेक
जगत को वस्तु जानकर
विज्ञानं ने उसका विश्लेषण किया
और वस्तु के अन्तस्थ को
जानना चाहा
पर जब अनायास
‘जानने’ का अन्तस्थ
स्वयं को अनुभूत करने लगा
विज्ञान ‘जानने में’ रम गया
............................. अरुण
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